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नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के खिलाफ सोमवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के बैनर तले दिल्ली के जंतर-मंतर पर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया गया। इसमें विभिन्न मुस्लिम संगठनों के प्रमुखों के साथ-साथ कांग्रेस, एआईएमआईएम और अन्य विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हुए।

महमूद मदनी की हुंकार – “संविधान पर चल रहा बुल्डोजर”

प्रदर्शन के दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने तीखा बयान देते हुए कहा,”यह सिर्फ मुसलमानों का नहीं, बल्कि संविधान का मामला है। हमारे घरों और मस्जिदों पर बुल्डोजर चलाकर संविधान पर हमला किया जा रहा है। हमें कुर्बानी देने के लिए तैयार रहना होगा और इस कानून की मुखालफत करनी होगी।”

प्रदर्शन में शामिल हुए विपक्षी दलों के दिग्गज नेता

इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, इमरान मसूद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत कई बड़े नेता पहुंचे। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा,”आज देश में कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मैं यहां अपने नेता राहुल गांधी की ओर से इस लड़ाई में अपनी हिस्सेदारी देने आया हूं।”

सरकार का जवाब – “राजनीतिक प्रेरित है विरोध

प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए वक्फ JPC के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा,”यह प्रदर्शन ऑर्गेनाइज्ड तरीके से किया जा रहा है। विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा है और इस मुद्दे पर भ्रम फैलाया जा रहा है।“उन्होंने आगे कहा,”हमने 428 पेज की रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें कोई भी विवादित बात नहीं है। वक्फ संशोधन विधेयक गरीब और पसमांदा मुसलमानों के हित में है। सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत के बाद इसे लाया गया है।”

AIMPLB ने दी आंदोलन की चेतावनी

AIMPLB ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो यह विरोध प्रदर्शन बड़े आंदोलन में बदलेगा। बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा,”यह सिर्फ वक्फ संपत्तियों का मुद्दा नहीं, बल्कि हमारे अस्तित्व की लड़ाई है। सरकार इस कानून को लागू नहीं कर सकती। अगर इसमें कोई गड़बड़ी है, तो उसकी जांच करवाई जाए, लेकिन हमारे अधिकारों को छीना नहीं जा सकता।

विधेयक को लेकर बढ़ती सियासी हलचल

AIMPLB ने स्पष्ट किया कि यह कानून केवल मुस्लिमों को ही नहीं, बल्कि अन्य धार्मिक समुदायों को भी प्रभावित कर सकता है। बोर्ड ने आरोप लगाया कि सरकार ने मजिस्ट्रेट को अत्यधिक अधिकार दे दिए हैं, जिससे वक्फ संपत्तियों पर सरकारी दखल बढ़ेगा। “पहले 13 मार्च को होना था धरना” गौरतलब है कि यह धरना पहले 13 मार्च को होना था, लेकिन होली के त्योहार के चलते इसे 17 मार्च तक स्थगित कर दिया गया था। AIMPLB ने कहा कि वे NDA में शामिल दलों समेत धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों से भी समर्थन की अपील कर रहे हैं।

आगे क्या?

इस विरोध प्रदर्शन के बाद भी मामला थमता नहीं दिख रहा है। AIMPLB और अन्य संगठनों ने संकेत दिया है कि अगर विधेयक वापस नहीं लिया गया, तो यह आंदोलन और तेज होगा। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सियासी घमासान और बढ़ सकता है।

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