देर रात होते ही फिर जाँची SDM सदर निकिता शर्मा ने रेन बसेरो की व्यवस्था

आज फिर कुछ जगह सड़क पर सो रहे लोगो को भिजवाया रेन बसेरे,

कल निरीक्षण के दौरान जिन को भिजवाया गया था रेन बसेरे आज फिर दौबारा साईं धाम रेलवे रोड पर पहुँच किया गया चेक,

कोई नही मिला आज सड़क पर सब रैन बसेरों में मिले मौजूद, कम्बल भी किये गए वितरित,

दूसरी और नगर पालिका चैयरमैन मीनाक्षी स्वरूप भी अपनी टीम के साथ आज खुद निरीक्षण कर रही हैं। नगर पालिका द्वारा चलाए जा रहे रैन बसेरे में पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो अस्थाई रैन बसेरे में रुके लोगो से की बात, चैयरमैन मीनाक्षी स्वरूप नगर पालिका टीम के साथ रेलवे रोड, महावीर चौक, शिव चौक पहुँची।

एक समय था जब में नेपाल दौरे पर नेपाल राजधानी काठमांडू में आयोजित कार्यक्रम में नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल और पूर्व प्रधानमंत्री खिल राज रेगमी पूर्व उपप्रधानमंत्री उपेंद्र यादव के साथ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में मै भी मंच पर उपस्थित था

तब पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल ने मच को संबोधित करते हुवे कहा था कि नेपाल और भारत का रोटी बेटी का रिश्ता रहा है आज वह समय याद आता है और वर्तमान समय दर्शा रहा है की हमारी पड़ोसी देश से भाईचारा विलीनता के छोर पर तो नहीं पहुंच गया वैसे तो यह नेपाल का निजी मामला है लेकिन लेकिन भारत के साथ सदियों से रहे मैत्रीपूर्ण संबंधों को राजनीति में भुलाया नहीं जा सकता मैं आश्चर्यचकित हु ये देखकर कि दशकों से चली आ रही परम्परा को नेपाल प्रधानमंत्री जी द्वारा दरकिनार किया जाने का आखिर क्या कारण रहा है नेपाल प्रधानमंत्री चयन होने के उपरांत पहला शासकीय दौरा भारत हुआ करता था लेकिन वर्तमान प्रधान मंत्री अबकी बार चीन दौरा कर रहे है ये तथ्य दर्शाता है कि हमें विदेश नीति पर गहनता से मंथन की जरूरत है पूरे भारत में आज राममय माहोल है नेपाल से हमारे सदियों से मैत्रीपूर्ण संबंध रहने के साथ साथ इस बात को भी नहीं झुठलाया जा सकता कि नेपाल अभी कुछ समय पहले तक पूरे विश्व में हिंदू राष्ट्र के नाम से जाना जाता था और आज भारत में हिंदुत्व की प्रकाष्ठा को सुसजित करता धर्म ध्वज राममंदिर के रूप में आलौकिक रूप से अयोध्या में फहरा रहा है इतने आलौकिक दृश्य दशकों की परंपरा और सदियों की मित्रता को भूलकर केपी ओली जी का चीन दौरा औपचारिक तो नहीं हो सकता में भारत सरकार पक्ष तथा विपक्ष से भी अनुरोध करना चाहूंगा कि राजनीति से ऊपर होकर हमें अपनी विदेश नीति पर एकजुट होकर मंथन करना जरूरी है

जानिए कौन है राहुल जोगी Rahul Jogi

राहुल जोगी Rahul Jogi जन्म 21 अगस्त 1990 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पिता स्वर्गीय राजपाल जोगी और माता अनीता जोगी के यहां हुआ और ये एक प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ है। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक रहे है लेकिन हिन्दू विचार धारा को महत्त्व देते है। हिन्दू सनातन वाहिनी के राष्ट्रीय अध्य्क्ष भी है तथा मध्य प्रदेश और राजस्थान में योगी गोस्वामी नाथ एवं ब्राह्मण समुदाय मके साथ साथ परिहार पांचाल स्वर्णकार निषाद अन्य कई बड़े वर्गों में बड़ा प्रभाव रखते है। जिनकी प्रसिद्धि भारत के साथ-साथ अन्य देशो जैसे नेपाल भूटान इत्यादि तक फैली है, जोकि रूपा साही खानदान से माने जाते है उनके पूर्वज प्राचीन काल में शामली उत्तर प्रदेश सल्तनत के बड़े पुरोहित माने जाते थे।

नेपाल भूटान विदेशी राजनीति से क्या है कनेक्शन

बताते है कि राहुल जोगी का नेपाल के आमजन में भी बड़ा प्रभाव माना जाता है वो अक्सर नेपाल जाते रहते है नेपाल के बहुत से मंत्रियों के साथ उनको अक्सर कार्यक्रमों में देखा जाता है यही नहीं नेपाल से कई बार सरकारी डेलीगेशन भारत आया तो वहा पर भी जोगी की भूमिका मुख्यरूप से देखने को मिली

Daily Shah Alert 26 November 2024

Daily Shah Alert 23 November 2024

Daily Shah Alert 21 November 2024

कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर अरशद राणा कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और वहां एक वर्ग विशेष को निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन संविधान की किताब लेकर चलने वाले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वहां आवाज नहीं उठा पा रहे हैं।

मुजफ्फरनगर । उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की जंग बेहद दिलचस्प होने वाली है। हर राजनीतिक दल इस जंग में खुद को साबित करने की कोशिश कर रहा है। दूसरी बात यह है कि यह जंग अपने वजूद के लिए भी याद की जाएगी और 27 में नई संभावनाओं के जन्म के लिए भी, क्योंकि इस उपचुनाव में सभी विपक्षी दल सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ लड़ रहे हैं। इस जंग के बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा दांव खेला है। उन्होंने अपनी एआईएमआईएम से एक कांग्रेस नेता अरशद राणा को मीरापुर सीट से टिकट देकर मैदान में उतारा है, जिसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीरापुर सीट से सुम्बुल राणा के टिकट की घोषणा की तो एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अरशद राणा को प्रत्याशी घोषित कर सबको चौंका दिया। ओवैसी ने अरशद राणा को प्रत्याशी घोषित कर सभी राजनीतिक दलों में हलचल मचा दी है।

कांग्रेस छोड़कर एआईएमआईएम से मीरापुर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले अरशद राणा ने कांग्रेस से चरथावल विधानसभा चुनाव लड़ा।

आपको बता दें कि मीरापुर में अखिलेश यादव को चुनौती देने के लिए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस को झटका दिया है. कांग्रेस नेता अरशद राणा ने राहुल गांधी से हाथ झटकने के बाद अब एआईएमआईएम के ओवैसी की पतंग में डोर बांधी है. मीरापुर उपचुनाव में अरशद राणा को अपना उम्मीदवार घोषित कर ओवैसी ने बड़ा दांव चला है.

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