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रियाद/नई दिल्ली: विश्व प्रसिद्ध चीता विशेषज्ञ और ‘द मेटापॉपुलेशन इनिशिएटिव’ (TMI) के संस्थापक विन्सेंट वैन डेर मेरवे का शव सऊदी अरब की राजधानी रियाद के एक अपार्टमेंट में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। उनके निधन की खबर से वन्यजीव संरक्षण जगत में शोक की लहर दौड़ गई है

PM मोदी के ‘प्रोजेक्ट चीता’ से था गहरा नाता

दक्षिण अफ्रीका के निवासी विन्सेंट वैन डेर मेरवे चीता संरक्षण के क्षेत्र में एक बड़ा नाम थे। भारत के ‘प्रोजेक्ट चीता’ में उनकी भूमिका अहम रही। इस परियोजना के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लाकर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बसाया गया था। भारतीय परिस्थितियों में चीतों को ढालने के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए थे।

सऊदी अरब में चीता पुनर्वास प्रोजेक्ट पर कर रहे थे काम

विन्सेंट इन दिनों सऊदी अरब सरकार के साथ मिलकर वहां चीता संरक्षण और पुनर्वास योजना पर काम कर रहे थे। इसी सिलसिले में वह रियाद गए थे, जहां उनका शव बरामद हुआ। उनकी मृत्यु के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन यह घटना कई सवाल खड़े कर रही है।

चीता संरक्षण में वैश्विक योगदान

विन्सेंट वैन डेर मेरवे ने अफ्रीका और एशिया में चीतों के पुनर्वास और संरक्षण को लेकर कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम किया था। उनकी विशेषज्ञता और समर्पण ने चीता संरक्षण में नई दिशा दी। उनके असामयिक निधन से न केवल ‘प्रोजेक्ट चीता’, बल्कि वैश्विक संरक्षण समुदाय को भी गहरा झटका लगा है।

अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि उनकी मौत की असली वजह क्या थी और क्या यह कोई साजिश थी या फिर कोई अन्य कारण। सऊदी अरब में इस मामले की जांच जारी है।

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