नई दिल्ली/नोएडा/गुरुग्राम, 24 अप्रैल 2025:कोचिंग संस्थानों की दुनिया में एक बड़ा नाम माने जाने वाले FIITJEE के मालिक डीके गोयल पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। ईडी की टीमों ने दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में FIITJEE से जुड़े 10 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
यह छापेमारी वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी के आरोपों के सिलसिले में की गई है। जांच एजेंसी का यह एक्शन उन शिकायतों के बाद हुआ है, जिनमें कहा गया था कि FIITJEE के कई सेंटर्स को अचानक बंद कर दिया गया, जिससे करीब 12,000 छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया।
क्या है मामला? इस साल जनवरी में गाजियाबाद, नोएडा सेक्टर-62 और ग्रेटर नोएडा में FIITJEE के कोचिंग सेंटर्स को एग्जाम से ठीक पहले अचानक बंद कर दिया गया था। इससे छात्रों और अभिभावकों में भारी नाराजगी फैल गई थी।
बाद में सामने आया कि सेंटर्स के बंद होने के बावजूद संस्थान के मालिकों को करीब 12 करोड़ रुपये का कथित फायदा हुआ। छात्रों और अभिभावकों की शिकायतों पर यूपी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए:
300+ बैंक खातों को फ्रीज़ किया
60 लाख रुपये नकद जब्त किए
FIITJEE से जुड़े खातों में 11.11 करोड़ रुपये को सील किया
तीन अलग-अलग FIR दर्ज
1. गाजियाबाद के राजनगर थाने में पहली एफआईआर दर्ज हुई
2. नोएडा थाना सेक्टर-58 में दूसरी एफआईआर — इसमें FIITJEE के मालिक डीके गोयल सहित 9 लोगों को नामज़द किया गया
3. ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाने में तीसरी एफआईआर दर्ज हुई
इन सभी मामलों में आरोपियों पर क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी और क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट जैसे गंभीर आपराधिक धाराएं लगाई गईं।
FIITJEE का बयान संस्थान ने 25 जनवरी को एक बयान जारी कर कहा कि सेंटर्स के अचानक बंद होने के पीछे संस्था नहीं, बल्कि मैनेजमेंट पार्टनर्स की लापरवाही थी। FIITJEE ने यह भी आरोप लगाया कि अन्य कोचिंग संस्थानों ने उनकी फैकल्टी को बहला-फुसलाकर अपने साथ जोड़ लिया। संस्थान ने यह खंडन किया कि सैलरी न मिलने की वजह से टीचर्स ने इस्तीफा दिया।