नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर संसद में सियासी घमासान तेज हो गया है। गुरुवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बीच तीखी नोकझोंक हुई। अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में खरगे पर वक्फ संपत्तियों से जुड़े घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया, जिसके बाद सदन में हंगामा मच गया।
खरगे ने आरोपों को बताया निराधार, मांगी माफी
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने अनुराग ठाकुर के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और इसे उनकी छवि धूमिल करने की साजिश बताया। उन्होंने कहा, “अगर अनुराग ठाकुर अपने आरोप साबित नहीं कर सकते, तो उन्हें संसद में रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। अगर आरोप साबित होते हैं, तो मैं खुद इस्तीफा दे दूंगा। मैं इस सरकार से डरता नहीं, मैं झुकूंगा नहीं।” खरगे ने अनुराग ठाकुर और राज्यसभा में सदन के नेता जे.पी. नड्डा से माफी की मांग की।
ठाकुर के आरोपों पर मचा बवाल अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधते हुए कहा था कि “कर्नाटक में वक्फ संपत्तियों के घोटाले में खरगे का नाम भी सामने आया है।” उन्होंने कांग्रेस पर वोटबैंक की राजनीति करने और वक्फ को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया कि कर्नाटक में मंदिरों से जो 450 करोड़ रुपये की कमाई होती है, उसका हिसाब-किताब नहीं दिया जाता, जबकि वक्फ संपत्तियों का घोटाला कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व तक जुड़ा हुआ है।
खरगे बोले- ‘सदन में झूठे आरोप बर्दाश्त नहीं’खरगे ने राज्यसभा में कहा कि “अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में मेरे खिलाफ पूरी तरह से झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए। जब मेरे सहयोगियों ने उन्हें चुनौती दी, तो वह अपनी मानहानिकारक टिप्पणी वापस लेने के लिए मजबूर हो गए, लेकिन तब तक मीडिया और सोशल मीडिया पर यह बयान वायरल हो चुका था।” खरगे ने साफ कहा कि वह इस मुद्दे पर पीछे हटने वाले नहीं हैं और झूठे आरोपों के खिलाफ अदालत का सहारा भी लेंगे।
संसद में विपक्ष का वॉकआउट खरगे के बयान के बाद विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे पर हंगामा किया और सदन से वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस ने इसे भाजपा की सोची-समझी साजिश बताया और आरोप लगाया कि सरकार विपक्षी नेताओं की छवि खराब करने के लिए ऐसे बयान दिलवा रही है।राजनीतिक घमासान जारी वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान यह विवाद और गहरा गया है। जहां कांग्रेस इसे भाजपा द्वारा विपक्ष को कमजोर करने की रणनीति बता रही है, वहीं भाजपा का कहना है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी। अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच तनाव कितना बढ़ता है और क्या यह मामला अदालत तक पहुंचेगा।