शाह अलर्ट

सरकार यूपी में अपनी विफलता का बदला लेने की कोशिश कर रही है

नई दिल्ली । देश में इस वक्त वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर हंगामा बरपा हुआ है। हालांकि, लोकसभा में पेश किए जाने के बाद इसके लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जा चुका है। इस बीच अब उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर कहा कि वक्फ एक पुरानी धर्मार्थ संस्था है।

सपा सांसद इकरा हसन ने कहा कि “वक्फ की संपत्ति का संचालन करने के लिए वक्फ बोर्ड बने हैं, इसमें किसी दूसरे–तीसरे को इंटरफेयर करने की ज़रूरत नहीं है!

हमें यह समझने की ज़रूरत है कि वक्फ की संपत्तियां कैसे दी जाती हैं!

अगर मैं आपको दान के रूप में कुछ दे रहा हूं, लेकिन कोई तीसरा व्यक्ति या जिला मजिस्ट्रेट आकर आपको बताता है कि आप इसका उपयोग कैसे करने जा रहे हैं, तो इससे किसी की मदद नहीं होने वाली है!

यह सिर्फ एक हस्तक्षेप है!

इसीलिए अल्पसंख्यकों पर हमला किया जा रहा है, यह संविधान पर भी हमला है”

हमें यह समझने की जरूरत है कि वक्फ संपत्तियां कैसे दी जाती हैं। अगर मैं आपको दान के रूप में कुछ दे रही हूं, लेकिन कोई तीसरा व्यक्ति या जिला मजिस्ट्रेट आकर आपको बताता है कि आप इसका इस्तेमाल कैसे करने जा रहे हैं। तो इससे किसी का भला नहीं होने वाला है। यह सिर्फ हस्तक्षेप है, सरकार यूपी में अपनी नाकामी का बदला लेना चाह रही है, इसीलिए अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं, यह संविधान पर भी हमला है।” आपको बता दें कि गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि इस विधेयक के जरिए किसी समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है और संविधान के किसी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है। वहीं, सपा सांसद अखिलेश यादव ने इस विधेयक को लेकर कहा कि यह एक सोची-समझी राजनीति के तहत हो रहा है। अगर सारी शक्ति जिलाधिकारी को दे दी जाती है तो आप जानते हैं कि एक जगह जिलाधिकारी ने क्या किया कि उसका असर आने वाली पीढ़ी को भुगतना पड़ा। भाजपा अपने हताश, निराश और चंद कट्टर समर्थकों को खुश करने के लिए ऐसा कर रही है। वहीं, अब संसद ने शुक्रवार को वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार करने के लिए दोनों सदनों की संयुक्त समिति के गठन के लिए लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्यों के मनोनयन की सिफारिश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

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