नई दिल्ली से पत्रकार उषा माहना की कलम से।
बेटी-बेटा एक सामान यही है नए भारत की पहचान।
कहते है बच्चे समाज का आईना होते है। बच्चों की कही बाते सभी के दिलो मे जाती है। ऐसे ही एक सामाजिक सन्देश देती प्यारी बिटिया रानी सृष्टि गुलाटी। अपने हसमुख और भाव-भीनी अंदाज मे समाज को एक नया सन्देश देते हुए कहती है मे भी एक बेटी हूं। मे भी आगे बढ़ती हूँ। दुश्मन का जो सीना चिर दे मे उस भारत की बेटी हूं। सृष्टि का समाज मे व्याप्त सामाजिक बुराई पर एक कुठारघात है। नन्ही बेटी ने समाज को अईना दिखाते हुए कहा की बेटी अनमोल है। बेटी संस्कारी होती है। बेटी अच्छा काम करती है। बेटी आगे बढ़ती है। फिर क्यूँ समाज मे बेटी को बोझ समझा जाता है। क्यूँ बेटी को कोख मे ही मार दिया जाता है। बेटे भी अनमोल है। बेटे भी अच्छा काम करते है। बेटी बेटा एक सामान होते है। दोनों को एक सामान शिक्षा और संस्कार देने चाहिए। आजकल दोनों मे काफ़ी भेदभाव किया जाता है। ना करो ऐसा कोई काम सब मिलकर बनाओ नेक समाज। सृष्टि बहुत से सामाजिक मुद्दों पर अपने विडिओ सन्देश के माध्यम से समाज मे जागरूकता लाने का नेक कार्य करती है। समाज सेवा की कोई उम्र नहीं होती। ऐसी ही एक सेवादार है नन्ही सृष्टि जो अपने सन्देश के माध्यम से समाज मे व्याप्त बुराई पर कटाक्ष करती है।
सृष्टि गुलाटी फरीदाबाद हरियाणा के डी.सी.मॉडल.सीनियर.सेकेंडरी विद्यालय मे पढ़ती है। सृष्टि गुलाटी ने कहा की मे भी एक बेटी हूँ। पढ़ाई, खेलकूद और सभी मे आगे रहती हूं। मेरे माता पिता ने कोई भेदभाव नहीं किया। सृष्टि ने कहा की मे आप सभी से निवेदन करती हू मेरी बातो को मत भूलना। समाज मे जागरूकता लाना भी एक सच्ची समाज सेवा का रूप है।आशा है आप सभी मिलकर इन नेक और अच्छे कार्यो को अच्छे से करे। सृष्टि सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप मे नेक कार्य कर रही है।