फर्जी वसीयत व फर्जी सदस्य प्रमाण पत्र प्रकरण।
अब फर्जी परिवार सदस्य प्रमाण पत्र बनवाने वालों के विरुद्ध पुलिस ने की एफआईआर दर्ज।
सिकंदर अली
ब्यूरो चीफ शाह अलर्ट
आखिरकार पुलिस ने फर्जी परिवार सदस्य प्रमाण पत्र हासिल करने वालों के विरुद्ध भी कर ही ली गई है एफआईआर।
मृतक शोयब की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु पश्चात जहां फर्जी वसीयत प्रकरण में एफआईआर दर्ज कर ली थी। वहीं परिवार के सदस्य बनकर कुछ लोगों ने जिलाधिकारी कार्यालय में सैंध लगाते हुए फर्जी परिवार सदस्य प्रमाण पत्र भी जारी करा लिया था जिसकी जानकारी होने पर बजरंग दल के पूर्व प्रांत संयोजक विकास त्यागी द्वारा उक्त प्रकरण को जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में लाकर फर्जी प्रमाण पत्र की जांच कराकर कार्यवाही की मांग की थी।
तहसील कार्यालय की रिपोर्ट आख्य के आधार पर जारी सदस्य प्रमाण पत्र को आनफन में निरस्त कर दिया गया था।
ओर जिलाधिकारी के आदेश पर उप जिलाधिकारी अंकुर वर्मा ने एक तीन सदस्यीय समिति का भी गठन भी किया था।
इसमें तहसीलदार पुष्करदेव, नगर पालिका अधिशासी अधिकारी डीके राय व खंड विकास अधिकारी आजम अली को नामित कर अपनी जांच रिपोर्ट देने को कहा गया था।
जिन्होंने अपनी जांच में मृतक की तथाकथित पत्नी व पुत्री के बयान दर्ज कर फर्जी प्रमाण पत्र को जारी कराये जाने के संबंध में जानकारी प्राप्त की थी। फर्जी वसीयत प्रमाण पत्र जारी होना अपने आप में एक बहुत बड़ी बात थी क्योंकि जिस प्रकार से संपत्तियो को हडपने के लिए फर्जी वसीयत तथा अब फर्जी वारिशन प्रमाण पत्र सामने आया है उससे लग रहा है कि भूमाफियाओं की सरकारी कार्यालयों में गहरी पैठ है।
क्योंकि सरकारी अभिलेख तैयार कर इस प्रकार की संपत्ति को हड़प्पा जा रहा है। अब वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर लेखपाल कादीर खान की तहरीर पर दो महिलाओं को नामजद करते हुए पुलिस ने सरकारी मुकदमा दर्ज कर लिया है ।
वहीं पूरे प्रकरण को उजागर करने वाले बजरंग दल नेता विकास त्यागी ने कहा है कि जब तक उक्त संपत्ति के विवाद का निबटारा न हो तब तक इस संपत्ति को सरकार द्वारा कुर्क करके अपने कब्जे में लेना चाहिए।
रिपोर्टर-हसनैन गौड़