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19 Apr 2025, Sat

नागपुर हिंसा: 10 इलाकों में कर्फ्यू, 65 उपद्रवी हिरासत में, 25 पुलिसकर्मी घायल

शाह अलर्ट

Nagpur Violence Updates : नागपुर में हालिया हिंसा के मद्देनजर, प्रशासन ने शहर के कई हिस्सों में कर्फ्यू लागू किया है। यह हिंसा 17 मार्च को उस समय भड़क उठी जब हिंदू संगठनों ने 17वीं शताब्दी के मुगल सम्राट औरंगज़ेब की मकबरे को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के दौरान अफवाहें फैलीं कि एक धार्मिक पुस्तक को जलाया गया था, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। इसके परिणामस्वरूप कई वाहन जलाए गए और दुकानों में तोड़फोड़ की गई। इस हिंसा में 15 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई गई है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना को पूर्व-निर्धारित साजिश करार दिया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस हमले को पूर्व-नियोजित बताते हुए कहा कि इसमें बाहर से आए लोगों का हाथ था और पुलिस पर भी हमला किया गया।

वर्तमान में, कर्फ्यू लागू क्षेत्रों में कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपोल, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामबाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर शामिल हैं। पुलिस ने अब तक 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है और पांच प्राथमिकी दर्ज की हैं। अधिकारियों ने नागरिकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है।

नागपुर के 11 इलाकों में कर्फ्यू लागू, स्थिति तनावपूर्ण

नागपुर में कर्फ्यू निम्नलिखित इलाकों में लगाया गया है:

  1. कोतवाली
  2. गणेशपेठ
  3. तहसील
  4. लकड़गंज
  5. पचपोल
  6. शांति नगर
  7. सक्करदरा
  8. नंदनवन
  9. इमामबाड़ा
  10. यशोधरा नगर
  11. कपिल नगर

सोमवार शाम नागपुर के महाल इलाके में हिंसा, गाड़ियों में आग लगाई, पुलिस पर पथराव

आपको इस घटना के बारे में बता ते चले दअरसल ,सोमवार शाम महाल इलाके के चिटनिस पार्क के पास लगभग 7:30 बजे हिंसा भड़की, जहां उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया। पुलिस के अनुसार, हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित यह इलाका था, जहां उपद्रवियों ने कुछ गाड़ियों में आग लगा दी और कुछ घरों पर भी पत्थर फेंके। इसके बाद रात 10:30 से 11:30 के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में एक और झड़प हुई, जहां भीड़ ने कई गाड़ियों को जला दिया।

नागपुर में हुई हिंसा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। हम सरकार से अपेक्षाएँ रखते हैं,

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