ईडी द्वारा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि कानून सबके लिए बराबर है। आप मुख्यमंत्री हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आप कानून से ऊपर हैं
रांची । झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन का आज जवाब दिया।
मुख्यमंत्री सचिवालय का कर्मी सूरज कुमार पत्र लेकर ईडी ऑफिस पहुंचे थे। सूत्रों ने बताया कि पत्र में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि ईडी की टीम 20 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास आकर बयान दर्ज कर सकती है। पत्र मिलने के बाद ईडी के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दिल्ली मुख्यालय को दी।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर अपना बयान दर्ज कराने के लिए पांच दिनों (16-20 जनवरी) का समय दिया है। इन पांच दिनों के अंदर उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए समय और जगह बताने का कहा गया है। साथ ही चेतावनी भी दी गयी है कि अगर वह बयान दर्ज कराने नहीं आये तो ईडी खुद उनके पास पहुंचेगी।
ईडी ने मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र को समन समझने को कहा है। मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि कानून सबके लिए बराबर है। आप मुख्यमंत्री हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आप कानून से ऊपर हैं। ईडी द्वारा भेजा गया समन कानून सम्मत है। आपको इसका अनुपालन करते हुए अपना बयान दर्ज कराना ही होगा।
बता दें कि रांची भूमि घोटाले के मामले में ईडी फुल एक्शन में है। इस मामले में जांच एजेंसी अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
मामले में जांच एजेंसी ने पिछले साल सितंबर में बड़ी कार्रवाई की थी। उस दौरान ईडी ने विष्णु अग्रवाल से जुड़ी तीन संपत्तियों को अस्थाई तौर पर अटैच कर लिया था, जिसमें चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन के अलावा पुगड़ू व सिरमटोली की जमीन शामिल थीं। इन तीनों जमीनों की कीमत 161.64 करोड़ रुपए आंकी गई थी।
इलज़ाम ये है कि आरोपियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ साठगांठ करके भू-माफियाओं के पक्ष में फर्जी तरीके से इन भू-खंडों का म्यूटेशन किया था। इस केस की जांच ईडी ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत प्रदीप बागची, विष्णु कुमार अग्रवाल, भानु प्रताप प्रसाद और अन्य के खिलाफ झारखंड पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर तीन भूमि घोटाले मामलों में जांच शुरू की थी।
मामले में जिन 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनमें प्रदीप बागची, अफसर अली, सद्दाम हुसैन, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, फैयाज खान, भानु प्रताप प्रसाद, छवि रंजन, आईएएस (पूर्व डीसी रांची), दिलीप कुमार घोष, अमित कुमार अग्रवाल, विष्णु कुमार अग्रवाल शामिल हैं। वहीं भूमि घोटाले के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी अब तक 236 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है।
प्रवर्तन निदेशालय ने इन्वेस्टिगेशन के बाद खुलासा किया था कि सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके भू माफिया प्रदेश में जमीनों का मालिकाना हक बदलने का गोरखधंधा कर रहे थे।