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नई दिल्ली । हरियाणा के पूर्व मंत्री और अंबाला से चार बार के कांग्रेस विधायक रहे निर्मल सिंह शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में अपनी बेटी चित्रा सरवारा के साथ आप छोड़कर कांग्रेस में फिर से शामिल हो गये। इससे हरियाणा में कांग्रेस को मजबूती मिलने की उम्मीद है।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी के प्रदेश मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा की उपस्थिति में निर्मल सिंह यहां पार्टी में शामिल हुए।

निर्मल सिंह अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए हैं। उनके समर्थक यहां पार्टी मुख्यालय के लॉन में बड़ी संख्या में मौजूद थे।

निर्मल सिंह ने 2019 में कांग्रेस छोड़ दी थी और आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गये थे।

उन्होंने ने कांग्रेस में फिर से शामिल होने के बाद कहा कि यह उनके लिए घर वापसी है।

जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछा गया कि क्या इससे विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दल ‘आप’ के साथ कांग्रेस के संबंधों पर असर पड़ेगा, तो उन्होंने कहा कि आप के साथ अबतक सीटों की साझेदारी नहीं हुई है।

‘‘ इंडिया गठबंधन एक अच्छा और मजबूत कदम है, लेकिन इस विपक्षी गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सीट के बंटवारे पर कोई फैसला नहीं हुआ है। लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के मजबूत रहने की जरूरत है और यह पहला कदम है।’’
जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस हरियाणा में ‘आप’ को कोई सीट देने की इच्छुक है, तो हुड्डा ने कहा कि यह ‘काल्पनिक प्रश्न’ है । उन्होंने कहा, ‘‘ कुछ मापदंड तय हो जाएं , फिर हम सीट के बंटवारे पर बात करेंगे।’’

जब बाबरिया से पूछा गया कि क्या दोनों को पार्टी का टिकट दिया जाएगा तो उन्होंने कहा, ‘‘यह परिवार के लिए भी मामला है कि कौन चुनाव लड़ना चाहता है,पिता या पुत्री।’’

हुड्डा ने कांग्रेस से फिर से जुड़ने पर निर्मल सिंह का स्वागत करते हुए कहा कि उनमें कांग्रेस का डीएनए है और उनके साथ उनका जुड़ाव 1970 के दशक से है, जब दोनों युवा कांग्रेस में थे।

बाबरिया ने कहा कि निर्मल सिंह की कांग्रेस में लंबी पारी रही है और उन्होंने 1976 में युवा कांग्रेस से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि वह हरियाणा में युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं चार बार विधायक रह चुके हैं।

उन्होंने कहा कि वह हरियाणा में राजस्व एवं पशुपालन मंत्री रहे थे और वह प्रदेश कांग्रेस के महासचिव एवं उपाध्यक्ष भी रहे थे तथा कुछ कारणों से वह पार्टी छोड़कर 2019 में ‘आप’ में चले गये थे।

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